महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र

शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी की स्टाफ कौंसिल की बैठक में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण ओर नैतिक विकास हेतु महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।

उक्त केन्द्र का परिचय, उद्देश्य, कार्यक्रम और कार्य प्रणाली इस प्रकार रहेगी:-

भारत वर्ष दुनिया का सर्वाधिक प्राचीन और सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से समृद्ध देश है। यूँ तो प्रत्येक देश की अपनी एक विशिष्टता होती है और यह विशिष्टता उस देश के निवासियों द्वारा निर्मित होती है। भारत के महान चिंतको ने अपने चिंतन से जिन मूल्यों को समाज में स्थापित किया वे समूचे विश्व के लिए अनुकरणीय बन गए । हमारे ऋषि-मुनियों ने समाज में उच्च नैतिक मूल्यों को सदैव सर्वोपरि रखा। उन्होंने मानव मूल्यों के ऐसे मानक रखे जिनसे हमारा समाज सदैव परिचालित होता रहा।

जिस प्रकार से एक-एक ईंट और पत्थर से किसी मकान का निर्माण होता है उसी प्रकार से एक-एक व्यक्ति से कियी समाज और देश का निर्माण होता है। जिस घर के निर्माण में जितनी मजबूत ईंटो का प्रयोग होता है वह घर उतना ही मजबूत और टिकाऊ तथा दीर्घ जीवी बनता है, उसी प्रकार से जिस देश में प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित होता है वह देश संपन्न और मजबूत बनता है शिक्षा ही वह माध्यम है , वह रास्ता है जो व्यक्ति का सर्वांगीण विकास कर सकती है, जिस देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित और प्रतिभाशाली होगा वह देश सदैव प्रगति के पथ अग्रसर रहेगा भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भी शिक्षा को मानव के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम मानते थे। उनका मानना था कि “साक्षरता न तो शिक्षा का अन्त है न शिक्षा का प्रारम्भ। यह केवल एक साधन है। जिसके द्वारा पुरूष और स्त्री को शिक्षित किया जा सकता है। ”वे शिक्षा को राजनीतिक, समाजिक, आर्थिक तथा नैतिक प्रगति का आधार मानते थे। गाँधी जी शिक्षा को विकास की प्रक्रिया मानते थे। उनकी इच्छा थी कि देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित हो जाए।

भारत के भविष्य का निर्माण उसकी कक्षाओं में हो रहा हैं हम अपनी कक्षाओं में अपने विद्यार्थियों को जितनी सुदृढ़ता से गढेंगे वे बाहर जाकर उतने ही सुन्दर और सुदृढ़ समाज की रचना कर सकेंगे। हमारी कक्षाओं में पढ रहे हमारे विद्यार्थी ही हमारे देश की नींव है, इन विद्यार्थियों को दिया जाने वाला ज्ञान और नैतिक मूल्य जितना उच्च होगा उतनी ही शीघ्रता से हमारा देश उन्नति के मार्ग पर आगे बढे़गा।

भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए नई पीढ़ी के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनमें नैतिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक और मानवीय मूल्यों की चेतना भी विकसित करनी होगी।

शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी, छत्तीसगढ़ में नव स्थापित “महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र” का उद्देश्य युवाओं में श्रेष्ठ चारित्रिक मूल्यों का निर्माण करना है, विद्यार्थियों में उच्च नैतिक और मानवीय मूल्यों का विकास करना हैं, उच्च शिक्षा केवल उपाधि प्रदान करने का माध्यम न बने, उच्च शिक्षा द्वारा महाविद्यालय से ऐसे व्यक्तियों का निर्माण किया जाएगा जिनके श्रेष्ठ जीवन मूल्य हों जिनका चरित्र उज्जवल हो, जो कर्त्तव्य परायण और मूल्य निष्ठ हों। हमारा महाविद्यालय केवल अर्जित ज्ञान स्तर को प्रमाणित कर परीक्षा उत्तीर्ण करने का माध्यम न बनकर सुयोग्य सच्चरित्र, मूल्य निष्ठ और कर्त्तव्य परायण युवाओं को गढने का केन्द्र बन सके, महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र का यही प्रयास रहेगा।

महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र के माध्यम से निम्नलिखित गतिविधियों के आयोजन का प्रयास किया जाएगा-

1. महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मूल्य आधारिता कार्यक्रमों का आयोजन।
2. महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए देश के प्रतिष्ठित विद्वानों के माध्यम से पाक्षिक/मासिक व्याख्यान का आयोजन करना जिनमें आज के जीवन में उभरने मूल्यगत प्रश्नों एवं समस्याओं पर विचार, विश्लेषण करना और उन्हे हल करने के उपायों पर चर्चा करना।
3. महाविद्यालय के अध्यापकों, शोधार्थियों ओर कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करना।
4. महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए वर्ष में एक बार साप्ताहिक/द्वि साप्ताहिक कार्यशाला का आयोजन करना। इस कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों की संवादात्मक प्रस्तुतियाँ कराकर उन्हे उच्च मानवीय, नैतिक चारित्रिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए तैयार करना।
5. महाविद्यालय के विद्यार्थियों को स्वैच्छिक रूप से समाज सेवा के लिए प्रेरित करना।
6. मानवीय मूल्य आधारित वैल्यू एडेड/प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम (30 घंटे न्यूनतम) का आयोजन करना।
7. नैतिक एवं मानवीय मूल्यों से जुडे़ विषयों पर संगोष्ठियों एवं विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन करना।
8. महात्मा गांधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र आधारित कार्यक्रम की वार्षिक पत्रिका का प्रकाशन करना।
9. विद्यार्थियों में पर्यावरणीय मूल्य चेतना का विकास करना।
10. महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित जीवन मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना।

वर्तमान मशीनी सभ्यता और उदारीकरण भूमंडलीय, वैश्वीकरण से निर्मित अर्थव्यवस्था ने समूची मानवता के समझ अनेक संकट खड़े कर दिए हैं जिनके फलस्वरूप आज मनुष्य जाति के अस्तित्व पर ही अनेक प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं दुनिया के अनेक बुद्धिजीवी चिंतक विचारक और दार्शनिक आज यह महसूस करने लगे हैं कि हमें वर्तमान वैश्विक संकट को हल करने के लिए आज एक मानवतावादी मूल्य-दर्शन, समरसता वादी चिंतन, श्रेष्ठ मानवीय और नैतिक मूल्य-दर्शन की आवश्यकता है ऐसे में भारतीय चिंतन की मूल्य दृष्टि और प्रासंगिक हो उठती हैं। सदियों से निर्मित “वसुधैव कुंटुंबकम” का भाव पूरे विश्व में एक मार्गदर्शक संहिता की तरह है, विचार जगत में सक्रियता की इन नई दिशाओं में ही “महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र“ अपनी समुचित भूमिका निभाने का सार्थक प्रयास करेगा। साथ ही हमारा यह प्रयास होगा कि “महात्मा गाँधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केन्द्र“ मूल्य शिक्षा एवं मूल्य चिंतन की दिशा में एक अग्रणी केन्द्र के रूप में विकसित हो। हमारा यह उद्देश्य बहुत बड़ा है और संसाधन सीमित हैं । निश्चित रूप से इस केन्द्र को प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर का केन्द्र बनाने और निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रचुर संसाधनों की आवश्यकता होगी। शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी ने अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शासकीय सहायता के साथ साथ जन सहयोग को भी महत्व देने का निर्णय लिया है। हम यह आशा करते हैं कि वर्तमान समाज के प्रबुद्धजन और महाविद्यालय के पूर्व छात्र इस केन्द्र के विकास में हमें अपना वैचारिक तथा आर्थिक सहयोग मुक्त हस्त से देंगे जिससे हम इस केन्द्र को आगे बढ़ाने में सफल हो सकेगें।

Scroll to Top