Mahatma Gandhi Aur Hamara Samay, National Seminar

17 फरवरी 2023 को महात्मा गाँधी और हमारा समय विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । उक्त संगोष्ठी में कुल चार सत्र आयोजित किए गए जिनमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के आमंत्रित विद्वान प्राध्यापकों, शोधार्थियों ने अपने विचार साझा किए। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम शंकर माननीय कुलपति पण्डित शम्भूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल ने कहा कि महत्मा गांधी विश्व पटल पर भारत की आवाज बनकर उभरे थे, उन्होने जिन मूल्यों को स्थापित कर अपने जीवन में प्रयोग किया वे समूची मानवता के लिए युगों युगों तक पथ प्रदर्शन करते रहेंगे। मुख्य वक्ता प्रोफेसर मनोज कुमार राय प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष गाँधी एवं शान्ति अध्ययन विभाग महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्व विद्यालय वर्धा ने कहा कि गाँधी जी का सम्पूर्ण जीवन दर्शन महान और सुन्दर मनुष्यता का निर्माण करने के लिए है। गांधी का दर्शन भारतीयता के निर्माण का दर्शन है। अति विशिष्ट अतिथि मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल ने कहा कि महत्मा गांधी भारत की आत्मा को जानने वाले राजनेता थे। उन्होने जिस राम राज्य का सपना देखा था उसका निर्माण करना हम सबकी जिम्मेदारी है । उद्घाटन सत्र में अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर भागवत प्रसाद दुबे ने कहा कि भारत के स्वाधीनता संग्राम में गांधी जी का योगदान अविस्मरणीय और अतुलनीय है, आजाद भारत में अन्तिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाकर ही हम गाँधी के संकल्प को पूरा कर सकते हैं। इससे पहले उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत भाषण और विषय प्रवर्तन करते हुये संगोष्ठी के संरक्षक और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राम किंकर पाण्डेय ने कहा कि महाविद्यालय के लिये यह हर्ष और गौरव की बात है कि आज चिरमिरी में देश के प्रतिष्ठित विद्वानों और अध्येताओं की उपस्थिति में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हो रहा है । यह संगोष्ठी युवाओं को गाँधी जी के मूल्यों से जोड़ने में सहायक होगी। उद्घाटन सत्र का संचालन संगोष्ठी के संयोजक और महाविद्यालय के अन्ग्रेजी विभागाध्यक्ष चंदन सोनी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन आई क्यू ए सी प्रभारी सुभाष चन्द्र चतुर्वेदी ने किया।

संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में डॉ पुनीत कुमार राय विभागाध्यक्ष हिन्दी शासकीय महाविद्यालय शंकरगढ़ ने महात्मा होने का अर्थ, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर से आये डॉ रमेश गोहे ने गाँधी के सपनों का भारत, राजीव गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर से आए डॉ पियूष कुमार पाण्डेय ने सर्वोदय: विकास का गांधीमार्ग,विषय पर अपना व्याख्यान दिया।द्वितीय सत्र की सत्राध्यक्ष शासकीय विवेकानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेंद्रगढ़ की प्राचार्य डॉ सरोज बाला स्याग बिश्नोई रहीं जबकि सत्र का संचालन वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष विरेन्द्र कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रेमा कुजूर ने किया। संगोष्ठी के तृतीय सत्र में डॉ अजय पाल सिंह राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने वैश्वीकरण के दौर में स्वदेशी का सवाल, विनीत कुमार गुप्त ने सामाजिक समरसता और गांधी, शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना मध्य प्रदेश से आये हुये डॉ विनोद कुमार विश्वकर्मा ने उत्तर आधुनिकता और गांधी का जीवन दर्शन तथा शहीद केदारनाथ शासकीय महाविद्यालय मऊगंज जिला रीवा मध्यप्रदेश के डॉ प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने गांधी का सुराज विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। तृतीय सत्र की सत्राध्यक्ष डॉ रजनी सेठिया विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी रहीं ,तृतीय सत्र का संचालन भूगर्भ शास्त्र विभागाध्यक्ष जय सिंह सारस्वत और रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ धनसाय देवांगन ने किया किया और धन्यवाद ज्ञापन भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रदीप सिंह ने किया।

उक्त राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि नवनीत श्रीवास्तव, मुख्य महाप्रबंधक एस ई सी एल चिरमिरी क्षेत्र रहे जबकि समापन सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राम किंकर पाण्डेय ने की। विषय विशेषज्ञ के रूप में कलिन्गा विश्वविद्यालय रायपुर के डॉ अजय कुमार शुक्ल ने गांधी की संवाद धर्मीता तथा राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर के डॉ उमेश कुमार पाण्डेय ने गांधी का भाषा चिंतन विषय पर अपने विचार साझा किये। समापन सत्र के मुख्य अतिथि का स्वागत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राम किंकर पाण्डेय ने किया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि की आसन्दी से बोलते हुए मुख्य महाप्रबंधक एस ई सी एल चिरमिरी क्षेत्र नवनीत श्रीवास्तव ने महात्मा गाँधी को सदी का सबसे बड़ा विचारक बताया। उन्होने कहा कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधी जी को जिस महामनव के रूप में रेखांकित किया था आज वह अक्षरशः सत्य साबित हो रहा है। मुख्य महाप्रबंधक ने महाविद्यालय के युवा विद्यार्थियों को गांधी जी बताये मार्ग पर चलने की सलाह दी। इस अवसर पर उन्होनें लाहिड़ी महाविद्यालय में एस ई सी एल द्वारा पूर्व में निर्मित महाविद्यालय के कला संकाय भवन और कार्यालय भवन के रंग रोगन और मरम्मत की घोषणा के साथ ही महाविद्यालय में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की भी घोषणा की जिसके लिये उपस्थित छात्र छात्राओं ने एस ई सी एल जी एम का तालियों की गड़गडाहट से आभार व्यक्त किया। समापन सत्र का संचालन संगोष्ठी के आयोजन सह सचिव डॉ उमाशंकर मिश्रा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन संगोष्ठी के आयोजन सचिव और प्राणी शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ राज किशोर सिंह बघेल ने किया। इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों और शोधार्थियों ने प्रतिभागिता की। संगोष्ठी को सफल बनाने में महाविद्यालय के विकास खटिक, रामनारायण पनिका, अनुराधा सहारिया, विजय बघेल, गिरीश दास,मंजीत सिंह, फायाजुल, मन्जू राही,आयुशी राय,अंकिता जायसवाल, रश्मिता खूंटिया, चैतन्य, सूरज साव,विमलेश साहू, सौमित्र साहू, सर्वजीत पटेल,सुभाष राउल,उमेश कुमार, श्वेता सेन, खीख राम, धीरेन्द्र सिंह, सन्तोष साहू, अशोक, दिनेश, सहित छात्र छात्राओं प्रिंस, इशिता,दुर्गेश,मुस्कान, शिवसागर,मनीष, मोहित,विद्यासागर आदि का विशेष योगदान रहा ।

Scroll to Top