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About Founder
काले हीरे की नगरी एवं छत्तीसगढ़ का ‘हिल स्टेशन’ चिरमिरी के विकास पुरूष स्व. विभूति भूषण लाहरी जी का जन्म 12 अप्रेल 1890 को कोलकाता के निकट शांतिपुर नामक ग्राम में हुआ था। आपने शिवपुर इंजीनियरिंग कालेज कलकत्ता से सिविल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की। 1917 में आप चिरमिरी भ्रमण के लिए आए थे तत्पश्चात् 1919 में पुनः आकर आप चिरमिरी में ही बस गए। 1936 में आपने चिरमिरी में पहला कायला खदान का उद्घाटन किया। 1948 में आपने गांधी स्मारक यात्रा के रुप में प्रायमरी स्कूल बनवाया एवं इस कोयला अंचल में शिक्षा के बीज का अंकुरण किया। 1952 में यही स्कूल ‘‘लाहिड़ी स्कूल’’ के नाम से जाना जाने लगा। 1953 में लाहिड़ी जी के अथक प्रयासों से लाहिड़ी महाविद्यालय की स्थापना की गई जो सरगुजा अंचल का प्रथम महाविद्यालय के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का तीसरा पुराना महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। रेलमार्ग, सड़क मार्ग, हसदेव नदी पर पुल, शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार तथा चिरमिरी के विकास में स्व. विभूति भूषण लाहिड़ी, जिन्हे ‘दादू लाहिड़ी’ के नाम से जाना जाता है। लंबी बीमारी के पश्चात् आपका स्वर्गवास 19.03.1966 को हुआ।
– स्व. विभूति भूषण लाहिड़ी